हिमालय: देवताओं का निवास, पृथ्वी का मुकुट (Himalaya: The Abode of Gods, The Crown of the Earth) परिचय: एक विस्मयकारी दृश्य यदि पृथ्वी पर कोई भौगोलिक संरचना है जो मानव कल्पना को विस्मय, सम्मान और आध्यात्मिकता से भर देती है, तो वह निस्संदेह हिमालय है। यह केवल पत्थर और बर्फ की एक विशाल श्रृंखला नहीं है; यह एक जीवित, स्पंदित इकाई है, जो एशिया के विशाल भूभाग पर एक प्रहरी की तरह खड़ा है। संस्कृत में 'हिमालय' का अर्थ है 'बर्फ का घर' (हिम + आलय), एक ऐसा नाम जो इसकी बर्फीली चोटियों की भव्यता को पूरी तरह से समाहित करता है। दुनिया के सबसे ऊंचे और सबसे युवा पर्वतों की इस श्रृंखला ने सहस्राब्दियों से सभ्यताओं के पाठ्यक्रम को आकार दिया है, धर्मों को जन्म दिया है, और अरबों लोगों के लिए जीवनदायिनी नदियों का स्रोत रही है। पश्चिम में सिंधु नदी के मोड़ से लेकर पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी के मोड़ तक लगभग 2,400 किलोमीटर तक फैला, हिमालय एक प्राकृतिक किला है जो भारतीय उपमहाद्वीप को तिब्बती पठार से अलग करता है। यह केवल एक पर्वत श्रृंखला नहीं है, बल्कि पारिस्थितिक तंत्र, संस्कृतियों और भू-राजनी...